कट्टरता लोकतंत्र और एकजुट मानवता को चोट पहुँचाती है
क ट्टरपंथी विचारधाराओं को अंकुरित करने से विज्ञान, वैश्विक एकता और मानव जाति की समावेशी प्रगति के अलावा शांति, लोकतंत्र और सार्वभौमिक भाईचारे के लिए खतरा पैदा होता है। हमारे ग्रह को एक खुशहाल और स्वस्थ निवास बनाने के लिए, लोगों को मानव मूल्यों, सार्वभौमिक भाईचारे और सामूहिक संस्कृति के आधार पर…
बहुसंस्कृतिवाद और पारस्परिक सहनशीलताः- अतिवाद को रोकने के लिए
भा रत की बहुसंस्कृतिवाद, पारस्परिक सहनशीलता और अंतर-धर्म समानता की विरासत रही है, जिसने लोगों को एक दूसरे से अनन्त काल से जोड़े रखा है। इसमें गंगा-जमुनी तहजीब को कायम रखना या उसे और अधिक सशक्त करना तथा लोगों के बीच समन्वयी संस्कृति शामिल है। वास्तव में देश की बुनियाद को पुष्ट करने वाले इन संघटकों न…
मनोज श्रीवास्तव की साइलेंस की शक्ति और कोरोना से मुक्ति पुस्तक का विमोचन किया
देहरादून। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 धन सिंह रावत ने साइलेंस की शक्ति और कोरोना से मुक्ति पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से उपजी परिस्थितियों एवं लाक डाउन के कारण आईसोलेशन की जिंदगी जी रहे, नागरिकों में बढ़ती अवसाद की प्रवृति को समझने और इससे छुटकारा  पाने म…
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मुल्क की तरक्की आतंकवाद से नहीं बल्कि सही तालीम व रोजगार से संभव है 
अल्लाह के रसूल मोहम्मद और उनके साथियों ने खुद इस्लाम के प्रचार के लिए व्यापार और ज्ञान को प्राथमिकता दी और उन्होंने तालीम और व्यापार के माध्यम से धर्म और धन दोनों हासिल किया जिससें मज़हब को भी काफी फायदा पहुँचा। दुनिया में जितने भी मुल्क महाशक्ति बन चुके हैं, वे सभी आज जिस मुकाम पर हैं, वे कड़े संघ…
लॉक डाउन में नकारात्मक चिंतन से मुक्ति,  लोगो को नही आ रही नींद
भविष्य के बारे में सोचकर लोगो मे बढ रहा तनाव   मनोज श्रीवास्तव अवसाद ,नकारात्मक विचार का आना स्वाभाविक प्रक्रिया है। इसी कारण आज लॉक डाउन में  दुनिया का अधिकांश भाग अवसाद में जीवन जी रहा है। कोरोना का कारण लोगो को नही आ रही नींद। सभी को अपने-अपने भविष्य की चिंता सता रही है। ऐसा क्यों होता है? क्योक…
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खि़दमत-ए-इंसानियत:- इस्‍लामी उसूल
अमन अहमद इंसानियत को इस ब्रह्मांड का ताजदार बना दिया गया है, दुनिया की हर चीज इसकी सेवा में लगी हुई है। अल्‍लाह की दी हुई बुद्धि के साथसमंदर की गहराई और वायुमंडल की ऊंचाइयों को फतह कर लिया है। उसे हर काम में अपने जैसे इंसानों की जरूरत पड़ती है। दो रोटियॉं, कुछ गज कपड़े और अपना सिर छिपाने की जगह को …
खि़दमत-ए-इंसानियत:- इस्‍लामी उसूल
अमन अहमद इंसानियत को इस ब्रह्मांड का ताजदार बना दिया गया है, दुनिया की हर चीज इसकी सेवा में लगी हुई है। अल्‍लाह की दी हुई बुद्धि के साथसमंदर की गहराई और वायुमंडल की ऊंचाइयों को फतह कर लिया है। उसे हर काम में अपने जैसे इंसानों की जरूरत पड़ती है। दो रोटियॉं, कुछ गज कपड़े और अपना सिर छिपाने की जगह को …
ब्रिटिश शिविरों में भय पैदा करने वाले मौलवी अहमदुल्लाह शाह फैजाबादी
ब्रिटिश शिविरों में भय पैदा करने वाले मौलवी अहमदुल्लाह शाह फैजाबादी का जन्म वर्तमान तमिलनाडु राज्य के चेन्नई में सन् 1787 में हुआ था। उनके पिता का नाम मौलवी मोहम्मद अली खान था। मौलवी का वास्तविक नाम सैयद अहमद अली खान था। अपने आध्यात्मिक ज्ञान के कारण उन्होंने मौलवी की उपाधि प्राप्त की। जनता ने उन्ह…