राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि ने कहा कि कुम्भ अगले वर्ष 2021 मे जनवरी से प्रारम्भ होगा। उस समय जो परिस्थति होगी,उसी के अनुसार सरकार और प्रशासन की गाइडलाईन के अनुरूप निर्णय किया जायेगा। किसी भी अपरिहार्य स्थिति में मेला प्रशासन तथा सरकार की सहमति से ही अखाड़ा परिषद निर्णय लेगी। श्रीमहंत हरि गिरि ने कहा कि अखाड़ा परिषद की इस विषय को लेकर जून के अन्तिम सप्ताह में अत्यंत महत्वपूर्ण तीन दिवसीय बैठक होने जा रही है। जिसकी अन्तिम तिथि सरकार और मेला प्रशासन से विचार विमर्श कर तय की जायेगी। इस बैठक में कुम्भ मेले को लेकर सभी पहलूओं पर गंभीर विचार विमर्श कर प्रस्ताव पारित किये जाऐंगे तथा इन प्रस्तावों पर मुख्यमंत्री से चर्चा कर ठोस निर्णय लिया जायेगा।
कुम्भ मेला 2021 को लेकर देश के कई संतो,महामण्डलेश्वरों ने भी इसका समर्थन किया है। महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी ने कहा है कि कुम्भ मेला अपने नियत समय पर ही सम्पन्न होगा। परिस्थितियों के अनुरूप प्रतीकात्मक स्नान या विकल्प भी हो सकता है।लेकिन सनातन परम्पराओं को टूटने नही दिया जायेगा। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामण्डलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी,पंजाब के जगद्गुरू महामण्डलेश्वर श्रीमहंत पंचानंन्द गिरि,गुजरात के महामण्डलेश्वर महेन्द्रानंद गिरि,महाराष्ट्र के महामण्डलेश्वर शिवगिरि,महामण्डलेश्वर कृष्णानंद गिरि आदि ने भी अखाड़ा परिषद के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा है कि कुम्भ मेला निश्चित रूप से अपने निर्धारित समय पर ही आयोजित होगा। इस सन्दर्भ में अखाड़ा परिषद जो भी निर्णय लेगी,समस्त अखाड़े व साधु समाज उसका पालन करेगें।